गुप्त वंश : समुद्र गुप्त चन्द्र गुप्त द्वितीय

 





मौर्य वंश के पतन के बाद दीर्घकाल में हर्ष तक भारत में राजनीतिक एकता स्थापित नहीं रही। कुषाण एवं सातवाहनों ने राजनीतिक एकता लाने का प्रयास किया। मौर्योत्तर काल के उपरान्त तीसरी शताब्दी ईस्वी में तीन राजवंशो का उदय हुआ जिसमें मध्य भारत में नाग शक्‍ति, दक्षिण में वाकाटक तथा पूर्वी में गुप्त वंश प्रमुख हैं। मौर्य वंश के पतन के पश्चात नष्ट हुई राजनीतिक एकता को पुनः स्थापित करने का श्रेय गुप्त वंश को है।

गुप्त साम्राज्य की नींव तीसरी शताब्दी के चौथे दशक में तथा उत्थान चौथी शताब्दी की शुरुआत में हुआ। गुप्त वंश का प्रारम्भिक राज्य आधुनिक उत्तर प्रदेश और बिहार में था।साम्राज्य के पहले शासक चंद्र गुप्त प्रथम थे, जिन्होंने विवाह द्वारा लिच्छवी के साथ गुप्ता को एकजुट किया। उनके पुत्र प्रसिद्ध समुद्र गुप्ता ने विजय के माध्यम से साम्राज्य का विस्तार किया। ऐसा लगता है कि उनके अभियानों ने उत्तरी और पूर्वी भारत में गुप्ता शक्ति का विस्तार किया और मध्य भारत और गंगा घाटी के कुलीन राजाओं और उन क्षेत्रों को वस्तुतः समाप्त कर दिया जो तब गुप्ता के प्रत्यक्ष प्रशासनिक नियंत्रण में आ गए थे । साम्राज्य के तीसरे शासक चंद्र गुप्त द्वितीय (या विक्रमादित्य, "शौर्य का सूर्य") उज्जैन तक साम्राज्य का विस्तार करने के लिए मनाया गया, लेकिन उनका शासनकाल सैन्य विजय की तुलना में सांस्कृतिक और बौद्धिक उपलब्धियों से अधिक जुड़ा हुआ था। उनके उत्तराधिकारी- कुमारा गुप्ता, स्कंद गुप्ता और अन्य - ने धुनास (हेफ्थालवासियों की एक शाखा) पर आक्रमण के साथ साम्राज्य के क्रमिक निधन को देखा। 6 वीं शताब्दी के मध्य तक, जब राजवंश का अंत हुआ, तो राज्य एक छोटे आकार में घट गया था।

गुप्त वंश की उत्पत्ति

गुप्‍त सामाज्‍य का उदय तीसरी शताब्‍दी के अन्‍त में प्रयाग के निकट कौशाम्‍बी में हुआ था। जिस प्राचीनतम गुप्त राजा के बारे में पता चला है वो है श्रीगुप्त। हालांकि प्रभावती गुप्त के पूना ताम्रपत्र अभिलेख में इसे 'आदिराज' कहकर सम्बोधित किया गया है। श्रीगुप्त ने गया में चीनी यात्रियों के लिए एक मंदिर बनवाया था जिसका उल्लेख चीनी यात्री इत्सिंग ने ५०० वर्षों बाद सन् ६७१ से सन् ६९५ के बीच में किया। पुराणों में ये कहा गया है कि आरंभिक गुप्त राजाओं का साम्राज्य गंगा द्रोणी, प्रयाग, साकेत (अयोध्या) तथा मगध में फैला था। श्रीगुप्त के समय में महाराजा की उपाधि सामन्तों को प्रदान की जाती थी, अतः श्रीगुप्त किसी के अधीन शासक था। प्रसिद्ध इतिहासकार के. पी. जायसवाल के अनुसार श्रीगुप्त भारशिवों के अधीन छोटे से राज्य प्रयाग का शासक था। चीनी यात्री इत्सिंग के अनुसार मगध के मृग शिखावन में एक मन्दिर का निर्माण करवाया था। तथा मन्दिर के व्यय में २४ गाँव को दान दिये थे।

1 – गुप्त वंश का संस्थापक कौन था?

(a) घटोत्कचगुप्त

(b) चन्द्रगुप्त I

(c) श्रीगुप्त

(d) इनमें से कोई नहीं

श्रीगुप्त

 

2 – गुप्त किसके सामंत थे?

(a) मौर्यों के

(b) कुषाणों के

(c) सातवाहनों के

(d) इनमें से कोई नहीं

कुषाणों के

 

3 – गुप्त वंश के किस शासक ने सर्वप्रथम ‘महाधिराज’ की उपाधि धारण की?

(a) श्रीगुप्त ने

(b) चन्द्रगुप्त I ने

(c) घटोत्कचगुप्त ने

(d) समुद्रगुप्त ने

चन्द्रगुप्त I ने

 

4 – गुप्त शासन के दौरान निम्न में ऐसा व्यक्ति कौन था जो एक महँ खगोलविज्ञानी और गणितज्ञ था ?

(a) भानुगुप्त

(b) वाणभट्ट

(c) आर्यभट्ट

(d) वराहमिहिर

आर्यभट्ट

 

5 – गुप्त शासको की सरकारी / दरबारी भाषा थी ?

(a) पालि 

(ब) प्राकृत

(c) हिन्दी

(d) संस्कृत

संस्कृत

 

6 – इतिहासकार पी. ए. स्मिथ ने किसकी विजयों से प्रभावित होकर उसे “भारत का नेपोलियन” कहकर पुकारा है?

(a) स्कन्दगुप्त को

(b) चन्द्रगुप्त को

(c) ब्रह्मगुप्त को

(d) समुद्रगुप्त को

समुद्रगुप्त को

 

7 – गुप्त वंश का वह राजा कौन था जिसने हूणों को भारत पर आक्रमण करने से रोका?

(a) कुमारगुप्त 

(b) समुद्रगुप्त

(c) स्कंदगुप्त

(d) चन्द्रगुप्त

स्कंदगुप्त

 

8 –  गुप्त राजवंश किस लिए प्रसिद्ध था?

(a) कला एवं स्थापत्य

(b) साम्राज्यवाद

(c) राजस्व एवं भूमि कर

(d) साहित्यिक कार्यों का संरक्षण

कला एवं स्थापत्य

9 – अजंता कलाकृतियों किससे संबंधित है ?

(a) हडप्पा काल से

(b) मौर्य काल से

(c) बुद्ध काल से

(d) गुप्त काल से

गुप्त काल से

 

10 – कुछ विद्वानों के अनुसार कवि कालिदास किसके राजकवि थे?

(a) चन्द्रगुप्त मौर्य

(b) समुद्रगुप्त

(c) चन्द्रगुप्त ।। ‘विक्रमादित्य’

(d) हर्ष

चन्द्रगुप्त ।। 'विक्रमादित्य'


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